हमें मत सिखाओ…वक्फ पर उपदेश दे रहा था पाकिस्तान, भारत ने कर दी बोलती बंद
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Pakistan News Today: भारत ने पाकिस्तान द्वारा वक्फ कानून पर की गई टिप्पणियों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान पहले अपने अल्पसंख्यकों की स्थिति देखे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह बयान दिया.

भारत सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया. (File Photo)
हाइलाइट्स
- पाक की वक्फ कानून टिप्पणियों को भारत ने खारिज किया.
- पाक को अपने अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए.
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान दिया.
Pakistan News Today: पड़ोसी देश पाकिस्तान की यह पुरानी आदत है कि वो अपने गिरेबान में तो झांकना नहीं है और बात-बात पर भारत को ज्ञान देने का कोई मौका नहीं छोड़ता. इसी कड़ी में हाल ही में पाकिस्तान की तरफ से वक्फ कानून के विरोध में एक बयान जारी किया गया था. भारत सरकार ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देते हुए साफ–साफ कह दिया कि वो पाकिस्तान में हिन्दू सहित अन्य अल्पसंख्यकों की हालात को देखे. भारत को पाठ पढ़ाने की जगह वो पहले अपने गिरेबान में झांक कर देख ले.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल आज मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इसी कड़ी में वक्फ पर पाकिस्तान की टिप्पणी को लेकर सवाल पूछा गया. उन्होंने कहा, ‘हम भारत की संसद द्वारा पारित वक्फ कानून पर पाकिस्तान द्वारा की गई प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज करते हैं. पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के मामले में पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने खुद के खराब रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए.
पाकिस्तान ने क्या कहा था?
इससे पहले, पाकिस्तानी सरकार ने भारतीय लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को “मस्जिदों और दरगाहों सहित मुसलमानों को उनकी संपत्तियों से बेदखल करने और अल्पसंख्यकों को हाशिए पर डालने” वाला कानून करार दिया था. कहा गया था कि यह कानून भारतीय मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता को कमजोर करने वाला कदम है. पाकिस्तानी मीडिया में मुस्लिम समाज की भूमि हड़पने और मुस्लिम संपत्तियों पर नियंत्रण का प्रयास करार दिया था.
बजट सत्र में पास हुआ वक्फ बिल
केंद्र सरकार ने वक्फ विधेयक मौजूदा बजट सत्र में पेश किया. इस दौरान लंबी चर्चा के बाद आधी रात को विधेयक पास किया गया. दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक को राष्ट्रपति के पास साइन करने के लिए भेजा गया. राष्ट्रपति ने भी इस विधेयक पर अपनी मोहर लगा दी, जिसके बाद इसने कानून का रूप ले लिया. कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष दलों ने इस कानून का विरोध किया. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद सहित अन्य क्षेत्रों में कानून के विरोध में दंगे हो रहे हैं.
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