अजमल कसाब जैसा हाल न हो जाए… तहव्वुर राणा को सता रहा फांसी का खौफ
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तहव्वुर राणा को 26/11 हमले की सजा का डर सता रहा है, और वह भारतीय कानून को समझकर अपनी रणनीति बना रहा है. लेकिन एनआईए की सख्ती और उसके खिलाफ मजबूत सबूतों को देखते हुए उसका बचना मुश्किल लग रहा है. राणा का डर साफ ह…और पढ़ें

तहव्वुर राणा को कसाब की तरह मारे जाने का डर सता रहा है.
हाइलाइट्स
- तहव्वुर राणा को कसाब जैसी सजा का डर सता रहा है.
- राणा एनआईए के सामने बहाने बना रहा है.
- एनआईए के पास राणा के खिलाफ ठोस सबूत हैं.
26/11 मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा एनआईए की हिरासत में है, लेकिन अब उसे फांसी की सजा का डर सता रहा है. जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, राणा को डर है कि कहीं उसका हाल मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब जैसा न हो जाए. कसाब को 2012 में फांसी दी गई थी. करीब 16 साल अमेरिका की जेल में बिताने के बाद भारत लाए गए तहव्वुर राणा को भारतीय कानून और न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी नहीं है, और वह हर संभव तरीके से इसकी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है. एनआईए की हिरासत में उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. वह बार-बार बहाने बनाकर अपनी सजा से बचने की कोशिश कर रहा है.
2008 के मुंबई हमले में 166 लोगों की जान गई थी, जिसमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. राणा को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है, और एनआईए उससे इस मामले में गहन पूछताछ कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, तहव्वुर राणा को डर है कि अगर उसे दोषी ठहराया गया, तो उसे भी कसाब की तरह फांसी की सजा हो सकती है. वह एनआईए के अफसरों के सवालों के जवाब देने से बच रहा है. बहाने बनाने की कोशिश कर रहा है.
एक-एक धारा समझ रहा
सूत्रों के मुताबिक, वह बार-बार एनआईए अधिकारियों से भारतीय कानून के बारे में सवाल पूछ रहा है. वह जानना चाहता है कि उसका ट्रायल कैसे और कितने समय तक चलेगा? यह पूछ रहा कि उसके ऊपर लगे आरोपों का नतीजा क्या होगा. कोर्ट के आदेशानुसार नियुक्त सरकारी वकील ने राणा से आधे घंटे की मुलाकात के दौरान उसे UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत लगे सभी आरोपों की जानकारी दी. राणा ने इस दौरान कानून की एक-एक धारा को समझने की कोशिश की और पूछा कि आगे की प्रक्रिया क्या होगी. वह ट्रायल की अवधि और संभावित सजा के बारे में सवाल पूछ रहा है, जो उसके डर को दर्शाता है.
कहीं और नहीं भेजा जाएगा
सुरक्षा कारणों से तहव्वुर राणा को अभी दिल्ली के बाहर ले जाने की कोई योजना नहीं है. उसे एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, जहां उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. एनआई ने राणा को नमाज पढ़ने का समय दिया है और तय नियमों के मुताबिक उसे खाना दिया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि राणा लगातार बहाने बनाकर अपनी सजा से बचने की कोशिश कर रहा है. वह बार-बार यह दावा कर रहा है कि उसे 26/11 हमले की पूरी जानकारी नहीं थी और वह सिर्फ एक सहायक भूमिका में था. लेकिन NIA के पास उसके खिलाफ ठोस सबूत हैं, जिसमें डेविड कोलमैन हेडली के साथ उसकी बातचीत और हमले की साजिश में उसकी भागीदारी के प्रमाण शामिल हैं. राणा की यह कोशिश साफ तौर पर उसके डर को दर्शाती है कि अगर वह दोषी पाया गया, तो उसे कसाब की तरह सजा-ए-मौत हो सकती है.
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