महाराष्ट्र में हारा, यहीं बनी समाधि, औरंगजेब कब्र विवाद के बीच बोले अमित शाह
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Aurangzeb Tomb Controversy: मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विवाद के बीच गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को रायगढ़ किला पहुंचे. वहां से उन्हें बड़ी बात कही है.

गृह मंत्री अमित शाह ने रायगढ़ किले से औरंगजेब पर बड़ी बात कही है.
हाइलाइट्स
- गृह मंत्री अमित शाह ने रायगढ़ किले से औरंगजेब को लेकर कही बड़ी बात
- बीजेपी दिग्गज नेता बोले- खुद को आलमगीर कहने वाला महाराष्ट्र में हारा
- औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच अमित शाह का आया यह बयान
रायगढ़ (महाराष्ट्र). मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच बीजेपी के दिग्गज नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह ने रायगढ़ किले से हुंकार भरी है. अमित शाह छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने रायगढ़ किला पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि औरंगजेब खुद को आलमगीर कहता था, लेकिन वह महाराष्ट्र में पराजित हुआ और यहीं पर उसकी समाधि बनी. बता दें कि पिछले दिनों औरंगजेब की कब्र को लेकर काफी विवाद हुआ था. नागपुर में दो गुटों में हिंसक टकराव हो गया था. इसमें व्यापक पैमाने पर नुकसान हुआ था. हालात को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों के जवानों को तैनात करना पड़ा था.
गृह मंत्री अमित शाह ने ‘छत्रपती शिवाजी महाराज, धर्मवीर संभाजी महाराज की जय’ से अपना भाषण शुरू किया. इसके बाद अमित शाह ने औरंगजेब को लेकर बड़ी बात कही. छत्रपति शिवाजी महाराज का गढ़ रहे रायगढ़ किले से अमित शाह ने कहा कि खुद को आलमगीर कहने वाला औरंगजेब महाराष्ट्र में ही पराजित हुआ और उसकी समाधि (कब्र)भी यहीं बनी. बता दें कि औरंगजेब की समाधि महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में स्थित है. पिछले दिनों मुगल बादशाह की कब्र को हटाने की मांग को लेकर काफी बवाल हुआ था. इसके बाद नागपुर में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी. हालांकि, सरकार ने इसपर अपना रुख स्पष्ट कर दिया.
छत्रपति शिवाजी महाराज जी की पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र के रायगढ़ किले पर आयोजित कार्यक्रम से लाइव…
छत्रपती शिवाजी महाराज यांचे जीवन मातृभूमीची सेवा आणि सुशासनाचा आदर्श आहे.शिवाजी महाराज यांच्या पुण्यतिथीनिमित्त रायगड किल्ल्यावर आयोजित कार्यक्रमातून लाईव्ह. https://t.co/TJgTfa81cD
— Amit Shah (@AmitShah) April 12, 2025
‘यहीं हारा, यहीं बनी समाधि’
अमित शाह ने कहा, ‘जब छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ, तब पूरा देश अंधकार में था. किसी के लिए भी स्वराज के बारे में सोचना मुश्किल था. देवगिरि के पतन के बाद अगले 100 साल में पूरा दक्षिण ढह गया. हालांकि, 12 साल के बच्चे ने जीजाबाई से प्रेरणा लेकर सिंधु से कन्याकुमारी तक भगवा (शासन) स्थापित करने की शपथ ली थी.’ अमित शाह ने आगे कहा, ‘छत्रपति शिवाजी ने जिजाऊ के संस्कार को वटवृक्ष बनाया और शिवाजी के बाद जब तक औरंगजेब जिंदा रहा तब तक संभाजी महाराज, महारानी लक्ष्मी बाई, धनोजी संतो जी लड़ते रहे. अपने आपको आलमगीर कहने वाला (औरंगजेब) महाराष्ट्र में पराजित हुआ और यहीं उसकी समाधि बनी. ये शिवचरित्र को हम सबका दाय़ित्व की भारत के बच्चे-बच्चे को सिखाया औऱ पढ़ाया जाए.’
‘मैं प्रेरणा लेने आया’
अमित शाह ने आगे कहा,’मैं यहां (रायगढ़ किला) भाषण और राजनीति करने नहीं, बल्कि प्रेरणा लेने आया हूं.’ न भाग्य उनके (छत्रपति शिवाजी महाराज) साथ था, न भूतकाल उनके साथ था, न धन था और न सेना थी. एक बच्चा अपने अदम्य साहस और संकल्प के साथ पूरे देश को स्वराज का मंत्र देकर गया. देखते-देखते 200 साल से चल रही मुगलशाही को चकनाचूर कर देश को स्वतंत्र कराया. आज हम देश की आजादी के 75 साल के बाद दुनिया के सामने सर उठा कर खड़े हैं. हम संकल्प करते हैं कि जब आजादी को 100 साल होंगे तब दुनिया में एक नंबर पर हमारा भारत होगा. उसकी मूल कल्पना शिवाजी ने रखी थी.’
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