अप्रैल की बारिश से उत्तराखंड के चमोली में तबाही, घरों में घुसा बरसाती पानी-मलबे में दबीं गाड़ियां; PHOTOS

उत्तराखंड में अप्रैल महीने में भीषण गर्मी के बीच फिर से मौसम ने करवट ली है। बारिश के बाद एक ओर जहां लोगों को तपती गर्मी से राहत मिली तो दूसरी ओर बरसाती पानी मुसीबत बनकर सामने आया। उधर, उत्तराखंड के मौसम पूर्वानुमान में 10 अप्रैल से बारिश-ओलावृष्टि सहित आंधी-तूफान पर अलर्ट भी जारी किया है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बुधवार दोपहर को हुई बारिश के बाद नालियां-गदेरे सहित नदियां उफान पर आ गईं। बरसाती पानी के घरों में घुसने से लोगों को कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा।

दूसरी ओर, बारिश के बाद पहाड़ी से आए मलबे में दो गाड़ियां भी दब गईं। हालांकि, राहत भरी बात यह रही कि बारिश और ओलावृष्टि से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। चमोली जिले के थराली में बुधवार शाम को 4 बजे के करीब अचानक आसमान में काले बादल छा गए। क्षेत्रभर में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि भी हुई।

शाम के समय अंधेरा होने की वजह से ग्रामीणों को आवाजाही करने के लिए टॉर्च और घरों में लाइट जलानी पड़ी। करीब डेढ़ घंटे की बारिश से नाले-गदेरे सहित नदियां उफान पर आ गईं थीं। पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग सहम गए थे।

April rains caused devastation in Uttarakhand chamoli rainwater entered homes vehicles got buried under debris

जिला प्रशासन और एसडीआरएफ-बचाव दल भी एक्टिव

जिले में बारिश और ओलावृष्टि के बाद पुलिस-प्रशासन भी एक्टिव मोड पर आ गया। राहत व बचाव दल को सतर्क रहने की सख्त हिदायत दी गई है। बारिश की वजह से हुए नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है।

तहसीलदार थराली अक्षय पंकज ने बताया कि जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। बताया कि थराली बाजार में हुए नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है इसकी रिपोर्ट शीघ्र ही उच्च अधिकारियों को भेज दी जाएगी।

बुधवार सुबह तेज धूप के बाद शाम को तेज बारिश-ओलावृष्टि

थराली के व्यवसायी ललित रावत, अधिवक्ता मनोज कुमार, प्रेम बुटोला, कमलेश देवराडी आदि का कहना है कि थराली में बुधवार सुबह से ही अच्छी धूप खिली थी लेकिन शाम होते-होते क्षेत्र में जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। कहना था कि बरसाती पानी की वजह से सिपाही,देवराडा और छभेला गदेरा उफान पर आ गए थे।

प्रदेशभर में 9 अप्रैल को हुई बारिश, झक्कड का येलो-ऑरेंज अलर्ट

उत्तराखंड में तीन दिन के लिए बारिश एवं झक्कड (तेज हवाओं) के लिए येलो एवं ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। कई पर्वतीय जिलों में ओलावृष्टि भी हुई। मैदानी इलाकों में तेज हवाएं चली। दस 11 अप्रैल को अधिकांश जिलों में बारिश एवं तेज हवाएं चलेगी।

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10 अप्रैल से उत्तराखंड का यह है मौसम पूर्वानुमान

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड के मौसम पूर्वानुमान में बड़ा अपडेट सामने आया है।उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में आकाशीय बिजली चमकने के साथ ही तेज हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया गया है।

देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर, पौड़ी, चंपावत, पौड़ी और नैनीताल आदि जिलों में इसका प्रभाव अधिक रहेगा। मौसम विभाग की बात मानें तो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के एक्टिव होने की वजह से प्रदेश के कई जिलों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग, और उत्तरकाशी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी, जबकि कुछ जिलों में बहुत हल्की बारिश होने की संभावना रहेगी।

उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का येलो अलर्ट जारी है। सिंह ने अनुसार, 9 से 12 अप्रैल तक चार दिन हल्की बारिश की संभावना है।

उत्तरकाशी में बारिश से लोगों को मिली गर्मी से राहत

उत्तरकाशी में बुधवार दोपहर को मौसम ने अचानक करवट बदल ली। यहां जिला मुख्यलय सहित आसपास के क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ ही झमाझम बारिश शुरू हो गई। जिससे लोगों को भीषण गर्मी से फौरी राहत मिली है। वहीं स्थानीय किसानों ने भी बारिश को नगदी फसलों के लिए उपयोगी बताया है।

बुधवार को तेज धूप के बीच उत्तरकाशी में गर्मी हावी रही, लेकिन दोपहर दो बजे के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और तेज हवायें चलने के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। इससे स्थानीय लोगों ने गर्मी से राहत मिली।

पिछले कुछ दिनों से बढ़ती गर्मी के बीच लोगों को बारिश का इंतजार था। बारिश न होने के कारण किसानों को खेतों में हल जोतने में कठिनाई हो रही थी। वहीं नगदी फसलें लौकी, भिंडी, करेला, तोरई, बैंगन आदि की क्यारियां भी सूखने के कागार पर थी। लेकिन बुधवार को बारिश होने के बाद काफी राहत मिली है।

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रुद्रप्रयाग में बारिश से गिरा तापमान

रुद्रप्रयाग में बुधवार को अचानक मौसम बदल गया और दोपहर बाद मुख्यालय सहित सभी कस्बों में जोरदार बारिश हुई। झमाझम बारिश से जहां लोगों को बढते जल संकट से राहत मिली वहीं जंगलों में फैल रही धुंध से भी आराम मिला है। बारिश से क्षेत्र में तापमान गिर गया है।

बीते कई दिनों से आसमान में हल्के बादल भले ही बारिश की आहट दे रहे थे किंतु निरंतर हवा के चलने से बारिश की संभावना खत्म सी हो रही थी किंतु बुधवार को मौसम एक बार फिर सुबह से ही बदलने लगा। दोपहर होते ही आसमान पूरी तरह बादलों से घिर गया। तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई जो करीब एक घंटे तक निरंतर जारी रही।

शानदार बारिश से लोगों को काफी राहत मिली है। जनपद में मुख्यालय सहित अनेक इलाकों में अप्रैल में ही पानी के संकट की संभावनाएं बनने लगी थी जिसको देखते हुए बारिश काफी कारगर साबित होगी। मुख्यालय सहित तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, फाटा, रामपुर, सीतापुर और गौरीकुंड में भी बारिश हुई है। जिससे मौसम में हल्का सा ठंडापन महसूस हुआ।

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अल्मोड़ा में आंधी-तूफान के साथ हुई ओलावृष्टि

अल्मोड़ा व आसपास के क्षेत्रों में बुधवार शाम मौसम का मिजाज बदला। तेज हवाओं, गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि भी हुई। इससे जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। बुधवार को नगर व आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही हल्के बादल छाए हुए थे। शाम के मौसम अचानक से मौसम का मिजाज बदल गया। आसमान में घने बादल छाने लगे।

आसमान में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने लगी। कुछ ही देर में आसमान से ओले भी बरसने लगे। शाम के समय बाजार व अन्य जगहों पर काफी संख्या में लोग आए हुए थे, लेकिन अचानक मौसम में बदलाव से चारों ओर अफरातफरी मच गई। ओलावृष्टि और आंधी तूफान के कारण बाजारों व अन्य जगहों पर आए लोगों को दिक्कतों से जूझना पड़ा।

लोगों ने ओलावृष्टि से बचने के लिए दुकानों आदि की शरण ली। वहीं, ओलावृष्टि और आंधी तूफान से नगर की बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों को रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी। वहीं, उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी शोपीस बनकर रह गए।

चौखुटिया में भी बरसे ओले

चौखुटिया। क्षेत्र में बुधवार को दोपहर बाद आसमान में बादल छाने लगे और तेज हवाएं चलने लगी। तेज हवाओं के साथ ओले भी बरसे। घने बादल छाने से शाम के समय ही नगर में अंधेरा छा गया। वहीं, ओले गिरने से गेहूं, आलू, लहसुन आदि की फसल को नुकसान पहुंचने की भी आशंका जताई जा रही है।

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