यूक्रेन की तरह ईरान से भारतीयों को निकालने में दिक्कत क्यों?

आपको याद होगा, साल 2022 में जब रूस-यूक्रेन जंग शुरू हुई तो भारत ने अपनों को बाहर निकालने के लिए बड़ा मिशन लॉन्च कर दिया था. ‘ऑपरेशन गंगा’ मुहिम के तहत मंत्री तक लगा दिए गए ताकि हजारों भारतीयों और खासतौर पर वहां पढ़ रहे बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. 15 दिन के ऑपरेशन के बाद ज्यादातर लोगों को भारत जंग के मैदान से निकाल लाया. तब वहां भी मिसाइलों की बारिश हो रही थी. लेकिन जब ईरान-इजरायल के बीच जंग चरम पर है तो भारत ठीक उसी तरह की मुहिम क्यों नहीं चला पा रहा है? आखिर इसके पीछे वजह क्या है?
ईरान से निकलना इतना मुश्किल क्यों?
ईरान के पूर्वी पड़ोसी पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं. पाकिस्तान की एयरस्पेस भारत के लिए बंद है और वहां से जमीन के रास्ते निकालना भी संभव नहीं. अफगानिस्तान से संबंध सुधर जरूर रहे हैं, लेकिन लॉजिस्टिक दिक्कतें बरकरार हैं. इसके अलावा, इजरायल की एयरफोर्स ईरान के कई हिस्सों में ताबड़तोड़ हमले कर रही है. ऐसे में कोई एक सुरक्षित रास्ता चुनना मुश्किल हो गया है. वहीं, ईरान की सड़क और रेल सेवाएं भी इतनी भरोसेमंद नहीं हैं कि उन रास्तों से लोगों को निकाला जाए.
भारत सरकार ने तेहरान में रह रहे भारतीयों से कहा है कि वे सुरक्षित स्थानों की ओर निकलें. अपने-अपने साधनों से उन्हें बाहर जाने को कहा गया है. अब तक लगभग 110 भारतीय, जिनमें ज्यादातर स्टूडेंट हैं, आर्मेनिया की सीमा पार कर चुके हैं. 600 से ज़्यादा लोगों को ईरान के शहर कोम में शिफ्ट किया गया है, जो एक धार्मिक और अपेक्षाकृत सुरक्षित जगह है. इनमें से 100 से ज्यादा भारतीयों को निकाल लिया गया है.
तो रास्ता क्या है?
ईरानी एयरस्पेस अभी बंद है, इसलिए जमीन के रास्ते ही एकमात्र विकल्प है. ठीक वैसे ही जैसे यूक्रेन में हुआ था, जहां लोग पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के रास्ते बाहर निकाले गए थे. ईरान की सीमाएं आर्मेनिया, अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती हैं. लेकिन पाकिस्तान और अजरबैजान भारत के लिए भरोसेमंद विकल्प नहीं माने जा रहे. इसीलिए भारत फिलहाल आर्मेनिया और तुर्कमेनिस्तान की ओर देख रहा है.
इजरायल से भी निकालने का प्लान
इस बीच इजराइल से भारतीयों की वापसी की लिए भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि जो लोग इजरायल छोड़ना चाहते हैं वे संपर्क करें. जॉर्डन और मिस्र के बॉर्डर से उन्हें निकलने की कोशिश की जाएगी. इजराइल में मौजूद भारतीयों को भारतीय दूतावास ने रजिस्टर करने का सुझाव दिया गया है.
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