कभी न करें ये गलतियां, बर्बाद हो जाएगी लाइफ, बुरा ख्वाब बन जाएगी कॉलेज लाइफ

नई दिल्ली (Higher Education). 12वीं के बाद जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला सही कॉलेज चुनना होता है. कई स्टूडेंट्स इस दौरान सिर्फ ब्रांड नेम या परिजनों/ दोस्तों के दबाव में किसी कॉलेज में एडमिशन ले लेते हैं और बाद में उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है. वहीं, कई स्टूडेंट्स बिना बैकग्राउंड चेक किए फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेकर जिंदगीभर पछताते रह जाते हैं. 12वीं के बाद सही कॉलेज में एडमिशन लेकर जिंदगी को नई दिशा दी जा सकती है.
12वीं के बाद सही कॉलेज कैसे चुनें?
सीबीएसई, यूपी, एमपी, बिहार, राजस्थान समेत सभी बोर्ड्स 12वीं का रिजल्ट जारी कर चुके हैं. सीयूईटी रिजल्ट जारी होते ही कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया भी तेजी के साथ शुरू हो जाएगी. कॉलेज में एडमिशन का फैसला जल्दबाजी में लेने के बजाय बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए.
- बजट- कॉलेज चुनते समय अपनी प्राथमिकता को बजट के अनुसार भी तय कर सकते हैं. कॉलेज हमेशा अपने सामर्थ्य के अनुसार चुनें. बजट की दिक्कत होने पर स्कॉलरशिप, एजुकेशन लोन आदि पर विचार कर सकते हैं.
- लोकेशन- कॉलेज की लोकेशन, कैंपस लाइफ या इंटर्नशिप के अवसरों पर विचार करें. ये पर्सनल और प्रोफेशनल डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभाते हैं. माता-पिता या साथियों के दबाव में जल्दबाजी में निर्णय लेना या कॉलेज के बारे में रिसर्च नहीं करना बाद में गलत साबित हो सकता है.
- टाइमलाइन- आप जहां भी एडमिशन लेना चाहते हैं, वहां की टाइमलाइन जरूर चेक करें. आवेदन करने के लिए आखिरी मोमेंट का इंतजार न करें. कई बार देरी के चक्कर में अच्छे कोर्स या ब्रांच में एडमिशन मिलना मुश्किल हो जाता है..
कॉलेज में सही कोर्स कैसे चुनें?
एडमिशन लेते समय सही कॉलेज के साथ ही सही कोर्स चुनना भी जरूरी है. हायर एजुकेशन के लिए कोई भी कोर्स चुनते समय उसमें अपनी रुचि जरूर देखें. अगर आप बिना इंटरेस्ट वाले कोर्स में एडमिशन लेंगे तो आगे मन लगाने में दिक्कत हो सकती है. इसके साथ ही जॉब मार्केट पर भी रिसर्च कर लें. हो सकता है कि आपको जो विषय पसंद हो, जॉब मार्केट में उसकी ज्यादा वैल्यू न हो. इस स्थिति में आपको आगे जाकर नौकरी करने या स्टार्टअप में परेशानी हो सकती है.
एडमिशन से पहले खुद से पूछें ये सवाल
अपनी ताकत कैसे पहचानें?
शिक्षकों, मेंटॉर्स या साथियों से मिलने वाले फीडबैक पर ध्यान दें. इससे आपको अपने अंदर की छिपी हुई स्किल्स का अंदाजा होगा. आप चाहें तो एप्टीट्यूड टेस्ट या करियर असेसमेंट जैसे ऑप्शंस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. हर स्टूडेंट में कुछ न कुछ खास जरूर होता है. कोई क्रिएटिविटी में नंबर 1 होता है, किसी की प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स अच्छी होती हैं, कोई कम्युनिकेशन स्किल्स के मामले में आगे होता है तो किसी का एनालिटिकल थिंकिंग वाला पार्ट मजबूत होता है.
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