एयर इंडिया के प्लेन में क्रैश से पहले क्यों जली हरी बत्ती? समझिये क्या है RAT

अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के क्रैश की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए-नए सुराग सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में एक वीडियो अब जांचकर्ताओं के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है. यह वीडियो एक स्थानीय छात्र आर्यन असारी ने महज उत्सुकतावश अपनी छत से रिकॉर्ड किया था, लेकिन अब यही फुटेज तकनीकी पहलुओं को समझने और हादसे की जड़ तक पहुंचने में मददगार माना जा रहा है.

वीडियो में देखा गया कि टेकऑफ के कुछ ही देर बाद विमान के पिछले हिस्से से धुआं निकलता दिखा और उससे पहले एक तेज हरी रोशनी चमकती है. चश्मदीद और विमान में एकमात्र जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश ने भी अपने बयान में बताया कि एक जोरदार धमाके के बाद लाइट चली गई और तभी केबिन में एक हरी बत्ती जली. इसके कुछ ही क्षण बाद पायलट ने ‘मेडे कॉल’ दी… यानी सबसे गंभीर संकट का संकेत. सवाल उठता है कि यह हरी बत्ती क्या थी? और क्यों जली?

एविएशन एक्सपर्ट ने बदली राय?

इस हादसे को लेकर मशहूर एविएशन एक्सपर्ट और पूर्व अमेरिकी नौसेना पायलट कैप्टन स्टीव शाइबनर ने अपना आकलन बदल दिया है. अब उनका कहना है कि सामने आए सबूत दोनों इंजन के फेल होने की संभावना को मजबूती से दर्शाते हैं. 20000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव रखने वाले कैप्टन शाइबनर विमान सुरक्षा और विश्लेषण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सम्मानित विशेषज्ञ माने जाते हैं. शुरू में उन्होंने इस हादसे के चार संभावित कारण बताए थे— बिजली की आपूर्ति में गड़बड़ी, ईंधन में गड़बड़ी या मिलावट , पक्षी का टकराना या फ्लैप सेटिंग में तकनीकी गलती… हालांकि, आर्यन का रिकॉर्ड किया वीडियो देखने के बाद शाइबनर ने अपना आकलन बदलते हुए कहा है कि यह मामला अब स्पष्ट रूप से दोहरे इंजन फेलियर की ओर इशारा करता है, जिसके बाद उसमें RAT एक्टिव हो गया था.

कैसे काम करता है RAT?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह हरी बत्ती उस RAT (रैम एयर टर्बाइन) के एक्टिव होने का संकेत थी, जो एक अत्यंत आपात स्थिति में अपने आप बाहर आ जाती है. RAT कोई आम उपकरण नहीं, बल्कि एक आखिरी सहारा होता है, जो तभी काम में आता है जब विमान के मुख्य बिजली और हाइड्रोलिक सिस्टम पूरी तरह फेल हो जाएं. यह टरबाइन, विमान की गति से पैदा होने वाली हवा से ऊर्जा लेकर फ्लाइट कंट्रोल, अहम इंडिकेटर्स और संचार प्रणाली जैसे बुनियादी सिस्टम को चलाता है. जब RAT सक्रिय होता है, तो अक्सर उससे जुड़ी लाइट्स या इंडिकेशन सिस्टम्स ऑन हो जाते हैं, जिससे पायलट को स्थिति की गंभीरता का एहसास हो सके.
आर्यन के मोबाइल में रिकॉर्ड यह वीडियो और यात्री का बयान अब तक के उन आकलनों को भी चुनौती देता है, जिनमें कहा जा रहा था कि दुर्घटना का कारण लैंडिंग गियर या फ्लैप ऑपरेशन से जुड़ा हो सकता है. हालांकि विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, जो हादसे के असली कारणों से परदा हटाएगा, लेकिन शुरुआती संकेत किसी बड़े इलेक्ट्रिकल या मैकेनिकल फेल्योर की ओर इशारा करते हैं.

दोनों इंजन एक साथ कैसे हो गए फेल?

जांचकर्ताओं के सामने अब बड़ा सवाल यह है कि क्या विमान के दोनों इंजन एक साथ फेल हुए, जो बेहद दुर्लभ होता है, या फिर कोई ऐसी तकनीकी गड़बड़ी हुई जिसने सभी बैकअप सिस्टम को भी बेअसर कर दिया? अगर RAT सक्रिय हुआ था, तो इसका सीधा मतलब है कि विमान के पास अपने मूल पॉवर स्रोत न बचने के कारण अंतिम विकल्प को खुद से एक्टिवेट करना पड़ा.

इस सबके बीच यह भी सामने आया है कि फ्लाइट के टेकऑफ से पहले विमान में ईंधन भरने में 42 मिनट का असामान्य विलंब हुआ था. हालांकि विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है -कुछ इसे सामान्य मानते हैं तो कुछ इसे किसी उपकरणीय गड़बड़ी से जोड़ते हैं.

आर्यन का वीडियो दे रहा अहम सुराग

वीडियो में देखा गया कि टेकऑफ के समय रोटेशन की प्रक्रिया सामान्य दिखती है, लेकिन विमान के हवा में आने के बावजूद लैंडिंग गियर को वापस नहीं लिया गया, जिससे यह अंदेशा और गहरा होता है कि शायद तभी से कोई सिस्टम अलर्ट कर रहा था. यह भी संभव है कि पायलट को कॉकपिट में अलार्म सुनाई दे रहे हों और इसी घबराहट में उन्होंने हताशा में नोज ऊपर उठाया हो.

ऐसे विमान हादसों में आमतौर पर एक के बाद एक कई तकनीकी असफलताएं होती हैं और यही पैटर्न इस घटना में भी दिख रहा है. RAT की सक्रियता और हरी बत्ती का दिखना केवल एक संकेत नहीं, बल्कि यह बताता है कि विमान एक बेहद नाजुक अवस्था में पहुंच चुका था, जहां नॉर्मल और बैकअप दोनों सिस्टम्स फेल हो चुके थे.

नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जांच हर कोण से की जा रही है और महज एक वीडियो के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा. लेकिन यह बात साफ है कि आर्यन के मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया वीडियो कई तकनीकी कड़ियों को जोड़ने और इस भयावह दुर्घटना की तह तक पहुंचने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है.

Credits To Live Hindustan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *