दोनों इंजनों की हाल ही में हुई थी मरम्मत, नहीं थी कोई समस्या; क्या बोले अधिकारी?

अधिकारियों का कहना है कि 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की व्यापक मेंटिनेंस जांच की गई थी। इस साल दिसंबर में अगली व्यापक जांच होनी थी।

Krishna Bihari Singh पीटीआई, अहमदाबादSun, 15 June 2025 12:39 AM
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दोनों इंजनों की हाल ही में हुई थी मरम्मत, नहीं थी कोई समस्या; क्या बोले अधिकारी?

अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुए एयर इंडिया के विमान बोइंग ड्रीमलाइन की दिसंबर में पूर्ण जांच होनी थी। इससे पहले जून 2023 में उसकी पूर्ण तरीके से जांच हुई थी। एयरलाइन के अधिकारियों ने बताया कि कॉम्प्रिहेंसिव चेक का काम एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) करती है। इसी साल मार्च में 12 साल पुराने विमान के दाएं इंजन की पूर्ण जांच के बाद मरम्मत की गई थी।

इसी तरह बाएं इंजन का काम अप्रैल 2025 में इंजन निर्माता ने नियमों के अनुसार किया था। विमान का इंजन अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस का था। विमान में जीई एयरोस्पेस द्वारा निर्मित जीईएनएक्स इंजन लगे थे। अधिकारियों ने बताया कि विमान के इंजन में कोई दिक्कत नहीं थी। हालांकि एयर इंडिया ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे में मृतकों की संख्या 270 हो गई है। बीते 24 घंटे में पांच नए शव बरामद किए गए हैं। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने शनिवार को ये जानकारी दी। बीजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.धवल गमेती ने बताया कि विमान हादसे के बाद सिविल अस्पताल में कुल 270 शव पहुंचे हैं।

इस बीच पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा (सेवानिवृत्त) ने शनिवार को दावा किया कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के इंजन में निश्चित रूप से महत्वपूर्ण चरण में ऊर्जा बाधित हो गई होगी, जिसे ठीक करने का समय नहीं था। उन्होंने छेड़छाड़ की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि सभी तरह की अटकलों से बचना चाहिए और नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि मामले की जांच करने वाले लोग एफडीआर की जांच करेंगे। एफडीआर में उड़ान के हर पैरामीटर, इंजन पैरामीटर, एयरफ्रेम पैरामीटर और कंट्रोल इनपुट रिकॉर्ड किए जाते हैं। वे जानकारी तक पहुंचेंगे, उसकी व्याख्या करेंगे और फिर विशेषज्ञ विश्लेषण करेंगे कि क्या गलत हुआ।

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