मैं जिंदा हूं…अखबार में खुद की मौत की खबर पढ़कर पहुंचा थाने, युवक को जिंदा देख हैरान रह गई पुलिस

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कानपुर में पुलिस ने एक दिन पहले जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा वह जिंदा निकला। अखबार में अपने मरने की खबर पढ़कर वह थाने पहुंचा तो पुलिस भी हक्की-बक्की रह गई। दरअसल, गुरुवार को पुलिस को अज्ञात शव मिला।

Pawan Kumar Sharma लाइव हिन्दुस्तान, संवाददाता, कानपुरSat, 14 June 2025 06:58 PM
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मैं जिंदा हूं...अखबार में खुद की मौत की खबर पढ़कर पहुंचा थाने, युवक को जिंदा देख हैरान रह गई पुलिस

यूपी के कानपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पुलिस ने एक दिन पहले जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा वह जिंदा निकला। अखबार में अपने मरने की खबर पढ़कर वह थाने पहुंचा तो पुलिस भी हक्की-बक्की रह गई। दरअसल, गुरुवार को पुलिस को अज्ञात शव मिला। उसकी पहचान के लिए फोटो सोशल मीडिया और आसपास के प्रधानों को भेजी गई। ग्रुप पर वायरल फोटो देख बहन ने मृतक की पहचान छोटे भाई के रूप में की। पिता और दो बहनोई ने भी शिनाख्त की, जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शुक्रवार को जब सच सामने आया तो सभी के होश उड़ गए। मरने वाला वो था ही नहीं। आखिरकार पुलिस ने जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा था उसे लावारिय घोषित कर दिया गया। परिजनों ने पुलिस से गलत पहचान करने के लिए यह तर्क देते हुए माफी मांगी कि मृतक की कद-काठी और चेहरा बेटे से मिल रहा था।

घाटमपुर क्षेत्र में गुरुवार शाम पांच बजे पोस्ट ऑफिस रोड के सामने फ्लाईओवर के नीचे 40 वर्षीय युवक का शव पड़ा मिला। पुलिस ने शिनाख्त के लिए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया। कुछ देर बाद ही घाटमपुर के गोपालपुर की सुमन पत्नी शिवप्रसाद सीएचसी पहुंची और मृतक की पहचान अपने भाई कानपुर देहात के अकबरपुर के अजय संखवार के रूप में की। थोड़ी देर बाद अजय के पिता मथुरा प्रसाद, दोनों बहनोई आसकरन और शिवप्रसाद भी आ गए। शव के चेहरे पर मिट्टी लगी थी ऐसे में पंचनामा भरने वाले दरोगा ने कहा एक बार और अच्छे से देख लीजिए। इस पर बड़ी बहन सुमन ने कहा कि छोटे भाई को गोद में दूध पिलाकर बड़ा किया है। उससे भूल नहीं हो सकती है।

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भाई से लिपटकर रोनी लगी बहन

परिजन जिसे मरा मान रहे थे वो जिंदा मिला तो उनकी आंखें नम हो गईं। बहन समेत सभी लोग न सिर्फ भावुक हो गए, बल्कि उन्होंने भगवान का शुक्रिया भी अदा किया। पुलिस ने जब अजय की बहन को उसके जिंदा होने की जानकारी तो वह फूली नहीं समाई। एक बारगी तो उसे विश्वास नहीं हुआ पर सामने आने के बाद उससे रहा नहीं गया और वह अजय से लिपट गई और खुद को कोसने लगी। बाकी परिजन भी अजय को देखकर दंग रह गए। खुद को मृतक के रूप में पहचान करने पर अजय ने परिजनों से नाराजगी जताई। जब अजय की बहन से दावे को लेकर इंस्पेक्टर ने सवाल किया तो बहन ने कहा कि कद-काठी और चेहरा मोहरा अजय से काफी मिल रहा था, इससे वह धोखा खा गई। इंस्पेक्टर ने बताया भेजे गए शव को लावारिस घोषित कर अजय से मामले में लिखापढ़ी कराई।

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ठेकेदार ने अखबार में खबर पढ़कर बताया

अजय भीतरगांव के एक भट्ठे में मजदूरी करता है। शुक्रवार सुबह उसके ठेकेदार ने अखबार में अजय के मरने की खबर पढ़ी तो उसके पास पहुंचा। उस समय अजय ईंट पाथ रहा था। ठेकेदार ने अखबार सामने करते हुए कहा, तुम तो मर चुके हो। देखो तुम्हारा शव घाटमपुर में मिला है। इसके बाद अजय थाने पहुंचा। थानेदार ने पहले तो भरोसा नहीं किया लेकिन बाद में एक एसआई को जांच के लिए भट्ठे पर भेजा। जहां उसके कई वर्षों से काम करने की जानकारी हुई।