सोनम रघुवंशी का एक और झूठ बेनकाब, राजा के भाई ने घुमा दी शक की सूई

मेघालय में हनीमून मनाने गए राजा रघुवंशी के मर्डर केस में हर दिन नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. मेघालय पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी और चार अन्य आरोपियों राज कुशवाहा, विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. इस बीच, सोनम का एक और झूठ सामने आया है. उधर इंदौर में सोनम के छिपने की कहानी ने जांच को नया मोड़ दे दिया है. वहीं राजा के भाई सचिन रघुवंशी ने साजिश में और लोगों के शामिल होने का शक जताते हुए नार्को टेस्ट की मांग की है.

मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) शिलॉन्ग के सदर थाने में सोनम और अन्य आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, सभी आरोपियों को अलग-अलग सेल में रखा गया है, जहां सीसीटीवी कैमरों से उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. खास बात यह है कि जेल में इनके लिए विशेष खाने की व्यवस्था की गई है.

जेल में कैसे कट रहा सोनम का जीवन?

डॉक्टरों की सलाह पर सोनम को साधारण घरेलू खाना जैसे खिचड़ी, उबली सब्जियां और फल दिए जा रहे हैं, जबकि अन्य आरोपियों की डाइट भी उनकी खानपान की आदतों और डॉक्टरी सिफारिशों के आधार पर तय की गई है. पुलिस का कहना है कि पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश समुदायों की खानपान की आदतों से इनका आहार अलग है, इसलिए यह व्यवस्था की गई.

सोनम का नया झूठ बनेकाब

इस बीच, सोनम का एक और झूठ उजागर हुआ है. पुलिस जांच में पता चला कि 23 मई को राजा की हत्या वाले दिन सोनम ने अपनी सास को फोन पर बताया था कि वह व्रत रख रही है, लेकिन बाद में उसने बढ़िया खाना खाया था. मेघालय पुलिस ने इस मामले को ‘ऑपरेशन हनीमून’ नाम दिया है.

इंदौर में 14 दिन तक छिपी रही सोनम

इस हनीमून हत्याकांड की जांच में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पता चला है कि राजा की हत्या के बाद सोनम 26 मई को शिलॉन्ग से इंदौर पहुंची थी. वह 14 दिन तक इंदौर के देवास नाका के पास हीरा बाग कॉलोनी में एक नई बिल्डिंग के G1 फ्लैट में छिपी रही. इस फ्लैट को आरोपी विशाल चौहान ने 30 मई को बिल्डिंग मालिक शिलोम जेम्स से किराए पर लिया था. शिलोम ने न्यूज 18 को बताया कि विशाल एक अन्य साथी के साथ आया था और उसने रेंट अग्रीमेंट किया.

उन्होंने बताया कि फ्लैट का मासिक किराया 17 हजार रुपये तय हुआ था. विशाल ने इसके लिए 51 हजार रुपये एडवांस दिए थे, जिसमें एक महीने का किराया और दो महीने का सिक्योरिटी डिपॉजिट शामिल था. यह एक बीएचके लग्जरी फ्लैट था, जिसे सोनम के फरार रहने के लिए चुना गया था.

सोनम की शातिराना चाल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने ऐसा ठिकाना चुना, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे. बिल्डिंग में सीसीटीवी सिर्फ पांच दिन पहले लगाए गए थे. इस दौरान, राज कुशवाहा ने सोनम के लिए करीब 7 हजार रुपये का राशन ऑनलाइन ऑर्डर किया था. सोनम ने इंदौर में रहते हुए पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखी और लोगों की नजरों से बचने में कामयाब रही. हैरानी की बात यह है कि लसूड़िया थाना क्षेत्र में होने के बावजूद इंदौर पुलिस का इंटेलिजेंस इस मामले में पूरी तरह फेल रहा.

सोनम 7-8 जून की रात इंदौर से टैक्सी लेकर वाराणसी पहुंची, फिर बस से गाजीपुर गई, जहां 8-9 जून की रात उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोनम ने अपनी हर चाल को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया.

असली मास्टरमाइंड कौन?

राजा के भाई सचिन रघुवंशी ने इस हत्याकांड पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘राज सोनम को मास्टरमाइंड बता रहा है, और सोनम राज को. दोनों एक-दूसरे पर इल्जाम लगाकर पुलिस, प्रशासन, केंद्र और राज्य सरकार को गुमराह कर रहे हैं. हमें लगता है कि इस साजिश में और भी लोग शामिल हैं. पुलिस को नार्को टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि सच सामने आए कि असली मास्टरमाइंड कौन है और कितने लोग इस वारदात में शामिल थे. हम चाहते हैं कि दोषियों को दोहरी उम्रकैद की सजा मिले, ताकि उन्हें अहसास हो कि उन्होंने किसी का क्या छीना है.’

सचिन ने यह भी आशंका जताई कि सोनम का परिवार हवाला कारोबार से जुड़ा हो सकता है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर सोनम के परिवार के पास इतनी संपत्ति कहां से आई? परिवार और रघुवंशी समाज ने मेघालय पुलिस पर शुरुआती लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है.

मेघालय पुलिस ने चार आरोपियों राज कुशवाहा, विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी को सात दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया है, जबकि सोनम को तीन दिन की रिमांड मिली थी, जिसे अब बढ़ाकर आठ दिन कर दिया गया है. पुलिस क्राइम सीन को रीक्रिएट करने और आरोपियों का आमना-सामना कराने की तैयारी में है. जांच में हत्या में इस्तेमाल हुआ चाकू, खून से सने कपड़े, मोबाइल के टुकड़े और फिंगरप्रिंट जैसे अहम सबूत मिले हैं. पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में इस साजिश की बाकी कड़ियां भी जुड़ जाएंगी.

यह मामला न केवल इंदौर और मेघालय, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. सोनम की चुप्पी और उसकी शातिर चालों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या इस हत्याकांड में और लोग शामिल हैं? क्या सोनम और राज वाकई मास्टरमाइंड हैं, या कोई और इस साजिश का सूत्रधार है? इन सवालों के जवाब मेघालय पुलिस की जांच से ही मिलेंगे.

Credits To Live Hindustan

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