7 मई को कहां बजेगा युद्ध का सायरन? सरकार के फैसले की डिटेल आई सामने
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भारत ने 7 मई को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा समेत सभी राज्यों में युद्ध सुरक्षा मॉक ड्रिल का आदेश दिया है, जिसमें हवाई हमले की चेतावनी और नागरिक सुरक्षा शामिल है.

सांकेतिक तस्वीर (एआई)
हाइलाइट्स
- भारत में 7 मई को युद्ध सुरक्षा मॉक ड्रिल होगी.
- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में सायरन बजेगा.
- नागरिकों और छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में प्रशिक्षित किया जाएगा.
पाकिस्तान के साथ टेंशन के बीच भारत ने 7 मई को कई राज्यों में युद्ध की सिक्योरिटी मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है, ताकि जंग की नौबत आए तो लोगों की सुरक्षा की जा सके. लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि किन राज्यों को इसमें शामिल होने के लिए कहा गया है? 7 मई को किन राज्यों में बजेगा युद्ध का सायरन? आदेश में कौन-कौन सी बातें हैं, हम आपको पूरी जानकारी देने जा रहे हैं.
गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा समेत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह ड्रिल होगी. आदेश में साफ लिखा है कि ऑल 244 कैटेगराइज्ड सिविल डिफेंस टाउन और डिस्ट्रिक्ट में इसे किया जाएगा. ताकि शत्रु के किसी भी हमले की स्थिति में लोगों को बचाया जा सके. इसमें साफ लिखा है कि एयर स्ट्राइक की चेतावनी देने वाले सायरन चालू करें. चुने गए क्षेत्रों में क्रैश ब्लैकआउक उपाय अपनाएं. हवाई या जमीनी हमले की स्थिति में सभी छात्रों और नागरिकों को ट्रेंड करें. सबसे बड़ी बात, हमारे एनर्जी इफ्रास्ट्रक्चर और आर्मी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोटेक्ट करें.
क्या होने वाला है उस दिन
1. आदेश में साफ लिखा है कि हवाई हमले की चेतावनी सायरनों को टेस्ट किया जाए. ये जांचा जाए कि वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं. लोगों को उसके बारे में बताया जाए.
2. नागरिकों और छात्रों को इसके बारे में ट्रेंड किया जाए. आपातकालीन स्थितियों में खुद का बचाव कैसे करें, इसके लिए उन्हें तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित किया जाए.
3. ब्लैकआउट प्रोटोकॉल फॉलो किया जाए. रात के समय बिजली बंद करने (क्रैश ब्लैकआउट) की प्रक्रिया का अभ्यास किया जाएगा, जिससे दुश्मन की निगरानी से बचा जा सके.
4. बिजली संयंत्रों, सरकारी कार्यालयों और सैन्य प्रतिष्ठानों जैसे महत्वपूर्ण ढांचों को छिपाने के लिए कैमोफ्लाज तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए.
5. आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए तैयार की गई योजनाओं का परीक्षण और सुधार किया जाए. इंडियन एयरफोर्स की ओर से हॉटलाइन पर और रेडियो पर मिल रहे संदेशों को सुनें.
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