5 देशों के विदेश मंत्रियों संग PM मोदी की बैठक, पाकिस्तान को दिया दो टूक जवाब!

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार शाम कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने एक साथ मुलाकात की. इस दौरान एक बार फिर नाम लिए बिना पाकिस्‍तान की आतंकवाद परस्‍त सोच का जिक्र किया गया. पीएम ने स्‍पष्‍ट तौर पर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक लड़ाई है, जिसे सभी देशों को मिलकर लड़ना होगा. यह मुलाकात भारत-मध्य एशिया वार्ता की चौथी बैठक के तहत हुई. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के संबंध हमेशा से प्राथमिकता रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन देशों के साथ भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध एक मजबूत नींव प्रदान करते हैं, जिसे भविष्य में और सुदृढ़ किया जाएगा.

पीएम मोदी ने इस अवसर पर भारत-मध्य एशिया सहयोग के लिए अपना व्यापक दृष्टिकोण साझा किया. उन्होंने आर्थिक संपर्कों को और गहरा करने, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को विस्तार देने तथा उभरते हुए नए क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाओं पर बल दिया. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत-मध्य एशिया की मजबूत साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझा ताकत के रूप में काम कर सकती है. इसके जरिए शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है.

आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई…

बैठक के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा, “कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों से मिलकर प्रसन्नता हुई. भारत इन देशों के साथ ऐतिहासिक संबंधों को संजोता है और व्यापार, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, फिनटेक, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करना चाहता है. हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी सामूहिक लड़ाई में दृढ़ हैं.” प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, विदेश मंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में समर्थन व्यक्त किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भारत में आयोजित होने वाले दूसरे भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के लिए इन सभी देशों के नेताओं को आमंत्रित भी किया. भारत-मध्य एशिया वार्ता, दोनों पक्षों के बीच मित्रता, विश्वास और परस्पर समझ को गहराने का प्रतीक बन गई है.

Credits To Live Hindustan

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