यूपी बनेगा भारत का ग्रोथ इंजन! योगी सरकार ने बनाया फुलप्रूफ प्‍लान

नई दिल्‍ली. औद्योगिक रूप से पिछले राज्‍यों की श्रेणी में आने वाले उत्‍तर प्रदेश का जल्‍द कायाकल्‍प होने वाला है. यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन बनाने की पूरी तैयारी कर ली है. सरकार का मकसद भारत की वृद्धि में महाराष्‍ट्र-गुजरात जैसे राज्‍यों को पीछे छोड़कर बड़ी भूमिका निभाने की है. इसके लिए योगी सरकार नई निर्यात पॉलिसी बना रही है, जिसमें निर्यातकों को कई तरह के प्रोत्‍साहन देने की तैयारी है

योगी सरकार की मंशा है कि देश के कुल निर्यात में यूपी की हिस्‍सेदारी को बढ़ाकर 7.5 फीसदी किया जाए, जिससे न सिर्फ प्रदेश का आर्थिक विकास होगा, बल्कि यह देश की अर्थव्‍यवस्‍था में भी बड़ी भूमिका निभा सकेगा. यूपी सरकार की नई निर्यात नीति से रोजगार पैदा होने के साथ औद्योगिक ग‍तिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा. यूपी ने वित्‍तवर्ष 2023-24 में कुल 20.67 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जो देश के कुल निर्यात का 4.71 फीसदी हिस्‍सा है. चालू वित्‍तवर्ष की पहली दो तिमाहियों में भी यूपी का निर्यात 10.56 अरब डॉलर रहा, जो देश के कुल निर्यात का 4.89 फीसदी है, जिसे सरकार बढ़ाकर 7.5 फीसदी तक पहुंचाना चाहती है.

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किस सेक्‍टर पर रहेगा जोर
यूपी के उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी ने एक साक्षात्‍कार में बताया था कि हम नई निर्यात पालिसी के जरिये यूपी की हिस्‍सेदारी को मौजूदा करीब 5 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी करने की तैयारी में हैं. हमारा जोर खासकर एग्री प्रोडक्‍ट की तरफ होगा, जिसकी यूपी से काफी डिमांड है. नई नीति बनाने के लिए उद्योग जगत के नेताओं के साथ औद्योगिक संगठनों और एक्‍सपर्ट से भी राय-मशविरा लिया जा रहा है. पिछले वित्‍तवर्ष का आंकड़ा देखें तो भारत का निर्यात 776 अरब डॉलर था, जबकि आयात 855 अरब डॉलर, जो देश के व्‍यापार घाटे को साफ दर्शाता है.

क्‍या-क्‍या जाता है यूपी से
यूपी से निर्यात की बात करें तो सबसे ज्‍यादा प्रोडक्‍ट इलेक्ट्रिकल मशीनरी, मांस और मांस से बने प्रोडक्‍ट, कपड़े-जूते, मोती, कीमती पत्‍थर, लोहा, स्‍टील, कारपेट और वाहनों का निर्यात किया जाता है. इसके अलावा फर्नीचर, एल्‍युमीनियम प्रोडक्‍ट, बिटुमिनस मैटेरियल, चमड़े के सामान, ऑर्गेनिक केमिकल, प्‍लास्टिक प्रोडक्‍ट और चावल-गेहूं जैसे अनाज भी प्रमुख से निर्यात किए जाते हैं. नई निर्यात नीति से एक्‍सपोर्ट बढ़ा तो प्रदेश का जीएसटी कलेक्‍शन भी बढ़ेगा. पिछले वित्‍तवर्ष में जीएसटी कलेक्‍शन करीब 88 हजार करोड़ से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था. जीएसटी कलेक्‍शन के लिहाज से यूपी 5वें नंबर पर है.

निर्यातकों को मिलती है कई सहूलियत

  • यूपी सरकार निर्यातकों को स्‍टॉल चार्ज का 60 फीसदी (2 लाख रुपये तक) छूट देती है.
  • हर साल 3 विदेशी किराये पर 50 फीसदी (1 लाख रुपये तक) की छुट भी दी जाती है.
  • कुरियर चार्जेज पर भी निर्यातकों को हर साल 75 फीसदी (1 लाख रुपये तक) छूट दी जाती है.
  • इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन पर भी निर्यातकों को 50 फीसदी (2 लाख रुपये तक) की छूट मिलती है.
  • गेटवे पोर्ट स्‍कीम में 20 फुट कंटेनर के लिए 25 फीसदी (10 हजार रुपये तक) छूट दी जाती है.
  • निर्यातकों को इस योजना में 40 फुट कंटेनर पर 20 हजार रुपये की छूट मिलती है, जो सालभर में करीब 20 लाख रुपये तक पहुंच जाती है.
  • कार्गो से सामान भेजने पर हवाई किराये में 25 फीसदी या 100 रुपये प्रति किलोग्राम, जो भी कम हो छूट दी जाती है.

Tags: Business news, Indian export, Trade Margin

Credits To news18.com

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