क्या है बड़हरा कांड जिसकी जांच को DIG खुद पहुंचे, तेजस्वी क्यों उठा रहे सवाल?
गोपालगंज जिले के बड़हरा कांड की सारण रेंज के डीआईजी ने की जांच. पीड़ितों ने डीआईजी नीलेश कुमार से कहा- गांव वालों को चाहिए इंसाफ. डीआईजी बोले, बड़हरा से नहीं भागे हैं ग्रामीण, सुपरविजन के बाद कार्रवाई.
गोपालगंज. बिहार के गोपालगंज जिले के गोपालपुर थाने के बड़हरा गांव में पुलिस उत्पीड़न की जांच के लिए रविवार को सारण रेंज के डीआईजी निलेश कुमार पहुंचे. डीआईजी के साथ एसपी अवधेश दीक्षित और स्थानीय पुलिस पदाधिकारी भी शामिल थे. डीआईजी पहले गोपालुपर थाने पर पहुंचे, जहां घटना की विस्तृत जानकारी ली और फिर पुलिस स्कॉट के साथ बड़हरा गांव में पहुंचे, जहां एक-एक कर पांच पीड़ित परिवार से मिले और उनका बयान दर्ज किया. डीआईजी के सामने पीड़ितों ने पुलिस उत्पीड़न की बातें कही और इंसाफ दिलाने की मांग रखी. बृजकिशोर भगत, नरेश भगत, लाल बाबू सिंह के परिजनों ने घटना की पूरी जानकारी दी. वहीं, योगेंद्र भगत की पुत्री और हरेराम शर्मा की पत्नी पुलिस उत्पीड़न की बात बताते फफक कर रो पड़ी. महिलाओं ने डीआईजी से कहा कि पुलिस ने घर में घुसकर बेरहमी से पिटाई की और निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
वहीं, डीआईजी ने कहा कि गोपालपुर थाने के बड़हरा गांव में सभी पक्षों से बात की गयी है और घटना की विस्तृत जानकारी ली गयी है. उन्होंने कहा कि बड़हरा गांव में सभी लोग हैं, कोई गांव छोड़कर बाहर नहीं गया है. पुलिस को देख पीड़ितों ने खुद से अपनी बातें रखी. उन्होने कहा कि घटना में पुलिस ने जिन लोगों को अभियुक्त बनाया है, सुपरविजन के बाद ही उनपर अगली कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को अपनी बात रखने के लिए पूरा मौका दिया गया है. महिलाओं ने कहा कि उनकी बेटी बात रख रही है, वह जो बोल रही है सही है.
पुलिस अफसरों द्वारा पूर्व से चिन्हित घरों में पहुंचे डीआईजी
बता दें कि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर रविवार को जांच करने पहुंचे डीआइजी उन्ही घरों में गये, जहां पुलिस अफसरों ने पूर्व से चिन्हित किया था. ग्रामीणों का कहना है कि बड़हरा गांव में करीब 50 परिवार पुलिस उत्पीड़न से पीड़ित हैं. शांति देवी, पुनीता कुमारी, जगपति भगत, दिनेश कुमार ने डीआइजी की जांच पर असंतोष जताते हुए कहा कि पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए सरकार को न्यायिक या मजिस्ट्रेट जांच करानी चाहिए. ग्रामीणों ने कहा कि उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पर उन्हें भरोसा है, निष्पक्ष जांच कर इंसाफ मिलेगा. इस बीच खबर है कि थानेदार आशीष कुमार को निलंबित कर दिया गया है वहीं उनकी जगह पर धीरेंद्र कुमार को गोपालपुर का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है.
बड़हरा गांव में पीड़ितों से बात करते सारण रेंज के डीआईजी निलेश कुमार
तेजस्वी यादव के निर्देश पर बड़हरा पहुंचा राजद प्रतिनिधि मंडल
बता दें कि राजद ने बड़हरा में पुलिसिया ज्यादती करने वाले पुलिस पदाधिकारियों को तत्काल निलंबित कर उनपर विभागीय करवाई करने की मांग की है. राजद ने कहा है कि यदि करवाई नहीं हुई तो गोपालगंज से पटना तक आंदोलन होगा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के निर्देश पर रविवार को राजद की एक जांच टीम जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में घटनास्थल का निरीक्षण कर प्रत्येक पीड़ित परिवार से मिला तथा उनकी व्यथा सुनी.
पीड़ितों की आपबीती, जुल्म की इंतहा कर दी
पीड़ित परिजनों से मिलने के बाद जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह बड़हरा में पुलिस ज्यादती की तुलना अंग्रेजों के जुल्म से करते हुए कहा कि पुलिस ने जुल्म की पराकाष्ठा कर दी है. उन्होंने कहा कि बड़हरा में पुलिस ने निर्दोष लोगों पर जुल्म की इंतहा कर दी है. गर्भवती महिलाओं तथा बुजुर्गों को बुरी तरह से पीटा गया है. छोटे-छोटे बच्चे भी पुलिस पिटाई के शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा, दर्जनों घरों के दरवाजे, घर में रखे सामान, दरवाजे पर खड़ी गाड़ियों सहित घर के चूल्हा चौका को भी पुलिस ने नही छोड़ा है, उन्हे भी तहस नहस कर दिया गया है.
लोगों के गुस्से की ‘तवा’ गर्म है और सियासत भी चरम पर है
दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि पूरे घटनाक्रम से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अवगत करा दिया गया है. उन्होंने जिला प्रशासन से निर्दोषों के ऊपर लादे गए फर्जी मुकदमे को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों पर यथाशीघ्र करवाई होनी चाहिए, वरना राजद आंदोलन को बाध्य हो जाएगा. इस मौके पर राजद के प्रदेश महासचिव अब्दुल सत्तार मुन्ना, प्रधान महासचिव इम्तेयाज़ अली भुट्टो, जिला उपाध्यक्ष सुरेश चौधरी, सुनील कुमार बारी, पिंटू पांडेय, फ़ैज़ अकरम, दिवाकर यादव, सुनीता यादव, संतोष यादव, मुकेश यादव, मनीष सिंह, पूरन सिंह कुशवाहा, हरेंद्र कुशवाहा, प्रदीप चौहान आदि राजद नेता मौजूद थे.
तेजस्वी यादव ने बड़हरा गांव भेजा राजद का प्रतिनिधि मंडल.
क्या है बड़हरा गांव यह पूरा मामला?
बड़हरा कांड को लेकर आखिर इतना हंगामा क्यों मचा है जो सारण के डीआईजी को जांच के लिए उतरना पड़ा. दरअसल, यह पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा है. गांव में सत्यनारायण सिंह और हृदया साह के बीच पहले से जमीन का झंझट चल रहा था. आरोप के अनुसार, बीते बुधवार (18 दिसंबर) को हृदया साह का पुत्र राजेश कुशवाहा बाजार करने निकला. रास्ते में सत्यनारायण सिंह के परिजनों ने उसे पकड़ लिया और मकान में बंद कर बंधक बना लिया. आसपास के लोगों ने इसकी सूचना परिजनों को दी और डायल-112 को सूचना देकर पुलिस को बुला लिया. इसके बाद डायल-112 पहुंची, तो काफी संख्या में लोग इकट्ठा हो गये और उग्र होकर मकान में बंधक बने युवक को मुक्त कराने और बंधक बनानेवाले लोगों को मकान से बाहर निकालने की मांग करने लगे.
पुलिस कार्रवाई के बाद गांव में पसरा सन्नाटा
इस बीच स्थिति को तनावपूर्ण देख डायल-112 ने थाने को सूचना दी गई और थानाध्यक्ष आशीष कुमार समेत पुलिस बल को बुला लिया. गोपालपुर पुलिस के पहुंचते ही लोग उग्र हो गये और पुलिस पर आरोपितों को बचाने का आरोप लगाते हुए बंधक बने मकान पर हमला करने कोशिश की. पुलिस को बचाव और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. लाठीचार्ज के दौरान लोगों ने भी पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस ने कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की. इसके बाद गिरफ्तारी के डर से गांव में सन्नाटा पसर गया.
पुलिस पर निर्दोषों को फंसाने का आरोप लगा
पुलिस की कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है और लोग दहशत में हैं. गोपालपुर पुलिस पर छापेमारी के दौरान घर में घुसकर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया गया है. पीड़ितों ने पुलिस पर परिजनों और महिलाओं के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है. वहीं, कुछ लोगों ने पुलिस पर निर्दोष को फंसाने और मारपीट करने का आरोप लगाया है, हालांकि एसपी ने इन आरोपों को खारिज किया है.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 10:31 IST
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